स्टुपेंडेमी के सींग भी थे

स्टुपेंडेमी नर के अपने कवच के दोनों ओर सामने की तरफ सींग थे। यह गले के काफी करीब थे। वैज्ञानिकों का कहना है कि शायद स्टुपेंडेमी सींग का इस्तेमाल लड़ाई के लिए करते थे। खासकर अपने क्षेत्र के लिए या मादा के साथ मेट्स के लिए। बोगोटा के जीवाश्म विज्ञानी एडविन कैडेना के मुताबिक, आज भी पुरुष कछुओं के बीच लड़ाई देखी जा सकती है। कैडेना ही इस शोध को लीड कर रहे है, जिसे जर्नल साइंस में प्रकाशित किया गया है। 


वैज्ञानिकों ने बताया कि सीगोइंगआर्कीलोन के बाद स्टुपेंडेमी दुनिया का सबसे बड़ा कछुआ है। यह 7 करोड़ साल पहले डायनासोर युग के आखिर में रहते थे। इनकी लंबाई 4.6 मीटर थी। स्टुपेंडेमी का पहला जीवाश्म 1970 में मिला था, लेकिन उस वक्त इस जानवर के बारे में कई सवाल अधूरे रह गए थे। अभी मिले नए जीवाश्म में कछुए के शेल की लंबाई 2.86 मीटर है। यह आर्कीलोन कछुए के मिले शेल से ज्यादा बड़ा है। इसके अलावा, नीचे का जबड़ा मिला है, जो इनकी डाइट के बारे में जानकारी देगा।