यूनिवर्सिटी की तरफ से किए गए सर्वे में पता चला कि छात्र खेल तो खेलना चाहते हैं, लेकिन पैसे कमाने के लिए दूसरा व्यापार कर लेते हैं। अब छात्रों को खेलने के साथ पैसे कमाने की भी तरकीब सिखाई जाएगी। सर्वे में यह भी पता चला था कि क्रिकेट, फुटबाल अादि खेलोें से व्यापार कैसे जुड़ा हुआ है। दक्षिण गुजरात में ऐसा कोई इंस्टीट्यूट या अकादमी नहीं है, जो छात्रों को पढ़ाई के साथ खेल भी सिखाए। इसकी वजह से उन्हें खेल को छोड़कर दूसरा काम करना पड़ता है। अब यूनिवर्सिटी उन्हें यह सुविधा उपलब्ध कराएगी।
सर्वे करने के बाद लिया कोर्स शुरू करने का निर्णय