पिछले अफसर ने एग्रीमेंट नहीं बढ़ाया

एनआरसी के स्टेट कोऑर्डिनेटर हितेश देव सरमा ने लोगों का डेटा ऑफलाइन होने की बात स्वीकार की है, लेकिन उन्होंने इसके पीछे किसी 'दुर्भावना' के आरोप का खंडन किया है। उन्होंने कहा- डेटा को क्लाउड पर स्टोर करने के लिए आईटी फर्म विप्रो की सेवाएं ली गई थीं। उनके साथ 19 दिसंबर, 2019 तक का ही अनुबंध किया गया था। पुराने कोऑर्डिनेटर ने इसे रिन्यू नहीं किया, इसीलिए विप्रो ने सेवाएं स्थगित कर दीं और 15 दिसंबर से डेटा ऑफलाइन हो गया।