पूर्व चीफ जस्टिस ने ‘री-बिल्ट द ज्यूडीशियरी’ पर गुजरात नेशनल लॉ-यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को संबोधित करते यह बात कही। गोगोई ने कहा कि- न्याय तंत्र को नए सिरे से गढ़ने की सख्त जरूरत है। देश को निर्भय, तटस्थ, पूर्वाग्रह मुक्त और स्वतंत्र न्याय तंत्र की जरूरत है। जब तक न्यायतंत्र को नए सिरे से नहीं बनाया जाता तब तक यह देश समृद्द नहीं हो सकता। जिस दिन हमारे पास निडर, स्वतंत्र एवं कार्यकारी न्यायतंत्र होगा तभी राष्ट्र आगे बढ़ेगा।
न्याय तंत्र को नए सिरे से गढ़ने की जरूरत