अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में लेफ्टिनेंट गर्वनर पद का चुनाव लड़ रहीं एलेनी कौनालिकस सैनफ्रांसिस्को में अपने घर पर हर सेकंड एक वोटर से संपर्क कर रही हैं। उनके हाथ में स्टाइलस है और वे टेक्स्ट बैंक की मेजबानी कर रही हैं। वे हसल नामक एप से वोटरों के मोबाइल फोन पर समर्थन देने कीे अपील कर रही हैं। टेक्स्ट मैसेज के लोगों तक पहुंचने का नया तरीका बनने से अमेरिका भर में मध्यावधि चुनाव के दौर में यह दृश्य आम है। एक राजनेता कहते हैं, जब अधिकांश अमेरिकी घरों में लैंडलाइन फोन नहीं हैं, लाखों लोगों ने केबल टीवी कनेक्शन कटवा दिए हैं तब टेक्स्ट मैसेज लोगों से संवाद का आसान तरीका बन गए हैं। कई वोटर फोन कॉल की तुलना में मैसेज पसंद करते हैं। कुछ सोचते हैं, उनके पास जो विज्ञापन मुक्त जगह बची है, यह उसमें हस्तक्षेप है।
लोगों को पसंद आए अथवा न आए टेक्स्ट मैसेजिंग का भविष्य है क्योंकि यह बिजनेस का भी हिस्सा बन गया है। टेक्स्ट पर केन्द्रित स्टार्टअप रिले के सीईओ डेनियल साउवीने कहते हैं,लोग टेक्स्ट मैसेजिंग के माध्यम से संपर्क करते हैं। उदाहरण के लिए मैसेजिंग एप हसल को देख लीजिए। 2016 में उसने लगभग 100 प्रचार अभियानों के लिए काम किया। सीईओ रॉडी लिंडसे बताते हैं,इस वर्ष नवंबर तक यह संख्या हजारों में हो जाएगी। अन्य जानकारों का कहना है, 2020 तक मैसेजिंग वोटरों तक पहुंचने का मुख्य तरीका हो जाएगा।
हसल के क्लाइंट में डेमोक्रेटिक पार्टी की अधिकतर राज्य इकाइयां शामिल हैं। डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी ने इस वर्ष 9 करोड़ 40 लाख रजिस्टर्ड वोटरों के मोबाइल फोन नंबर खरीदे हैं। राजनीतिक टेक्स्ट की अपील विविध है। वोटर के किसी काम में दखल दिए बिना उससे संपर्क हो सकता है। व्यक्तिगत संपर्क के दौरान कई लोगों से मुलाकात नहीं हो पाती है लेकिन टेक्स्ट तेजी से दूरदराज के इलाकों तक पहुंच जाते हैं। कई रणनीतिकारों का मानना है, जहां हमने ईमेल इनबॉक्स और सोशल मीडिया पर मैसेज की भरमार को स्वीकार कर लिया है, वहीं टेक्स्ट मैसेज व्यक्तिगत और आमंत्रण पर आधारित संवाद माध्यम हैं। मार्केटिंग फर्म मोबिलस्क्वेयर्ड के अनुसार 90% मैसेज प्राप्त होने के तीन मिनट के अंदर पढ़ लिए जाते हैं।
हालांकि, कई लोग राजनीतिक मुहिमों से नाराज हो जाते हैं। कई रिपब्लिकन राजनेताओं के अभियान में मदद कर रही फर्म ओपिनियन सीसेम के संस्थापक गेरिट लेंसिंग कहते हैं, अन्य स्थानों पर शोरशराबा झेलने की बजाय लोग टेक्स्ट पसंद करते हैं। उनका प्लेटफार्म 17 मुहावरों की सूची उपयोग करता है और निगेटिव रिस्पॉन्स वाले लोग स्वयं बाहर हो जाते हैं। पूंजी लगाने वाली फर्मों ने हसल जैसे प्लेटफार्म में अरबों रुपए लगाए हैं। यह मैसेजिंग की बढ़ती स्वीकार्यता का सबूत है लेकिन कई लोग मानते हैं कंज्यूमर की शिकायतों के कारण राजनीतिक टेक्स्टिंग के शुरुआती स्वर्ण युग में परिवर्तन हो सकता है।
युवा वोटरों को शिक्षित करने वाली साइट वोट.ओआरजी की संस्थापक डेब्रा क्लीवर कहती हैं, इस वर्ष राजनीतिक टेक्स्ट बढ़े हैं लेकिन उनका स्तर गिरा है। कई संगठन और कंपनियां उन लोगों को टेक्स्ट भेजती हैं जिनकी रुचि हो सकती है पर कई लोग पसंद-नापसंद सोचे बिना टेक्स्ट भेजते हैं।
मोबाइल मैसेजिंग बन गया है राजनीतिक प्रचार का मुख्य जरिया