गोगोई ने कहा, सीएए का विरोध मेरे गृह राज्य (असम) में भी था। असम की समस्या देश के अन्य राज्यों से अलग है। वहां इसका विरोध हुआ और निराकरण भी विद्यार्थी ही लाए, वह भी किसी तरह की हिंसा के बिना। आप विद्यार्थी ही इस देश के न्यायतंत्र को नए सिरे से गढ़ सकोगे। आप में से कोई जज बनेगा तब समझेगा कि फैसले के वक्त जज पर कैसा और कितना दबाव होता है।
मेरे असम में भी था सीएए का विरोध