मंत्रालय द्वारा एडवायजरी में बताई गईं दवाएं

होम्योपैथी: एडवाइजरी के मुताबिक, संक्रमण से बचाव के लिए होम्योपैथिक दवा 'आर्सेनियम एल्बम-30' खाली पेट 3 दिन तक ली जा सकती है। यही डोज अगले महीने दोबारा लें। इंफ्लुएंजा वायरस के लक्षण दिखने पर भी यही दवा ले सकते हैं।


आयुर्वेद : आयुर्वेद की कुछ दवाओं को भी लेने की सलाह दी गई है। अगस्त्य हरितिकी (5 ग्राम) दिन में दो बार गरम पानी के साथ, संशमनी वटी (500) दिन में दो बार, त्रिकटु का चूर्ण 5 ग्राम ले सकते हैं। इसके अलावा एक लीटर पानी में तुलसी की 3 से 5 पत्तियां उबालें। जब ये पानी आधा रह जाए तो ठंडा करके घूंट-घूंट करके पिएं। अणु तेल या तिल के तेल की दो बूंद रोजाना सुबह नाक में डालें। 


यूनानी : शरबत उन्नाब 10-20 दिन में दो बार, तिरयाक अरबा 3-5 ग्राम दिन में दो बार, तिरयाक नजला 5 ग्राम दिन में दो बार लेने की सलाह दी गई है। रोगन बनाफशा को नाक पर लगा सकते हैं। रोगन बबूना से सीने और स्किन पर मसाज करें। बुखार की स्थिति में हबीब-ए-इक्सीर बुखार की दो गोलियां दिन में तीन बार गुनगुने पानी के साथ ली जा सकती हैं। इसके अलावा चिरायता, कासनी, अफसानतीन या नीम की छाल में से किसी एक अर्क शर्बत खाकसी के साथ ले सकते हैं। बनाफ्शा, उन्नाब, सपिस्तान में से किसी एक का काढ़ा पी सकते हैं।


सावाधानियां : संक्रमण से बचाव के लिए 20 सेकंड तक साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं। मरीज को सीधे छुएं नहीं। खांसते या छींकते समय नैपकिन या कपड़े से मुंह को ढंके। सफर के दौरान एन-95 मास्क का इस्तेमाल करने की भी हिदायत दी गई है। एडवाइजरी के मुताबिक, अगर आप संक्रमित हैं तो तत्काल नजदीक के हॉस्पिटल से मास्क लेकर पहनें।