आचार्य देवव्रत हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे तब ‘एक घर, एक गाय’ का नारा दिया था। उनका कहना है कि जहां हो वहां एक ड्रम रखकर उसमें गोमूत्र एकत्रित करना चाहिए। उसका उपयोग खाद बनाने के लिए करना चाहिए। इससे किसानों को भी अच्छी खाद उपलब्ध होगी। किसानों को जंतुनाशक और कीमती खाद से मुक्ति मिल सकेगी। जिससे बीमारियां भी कम होती है। मै एक किसान भी हूं और कुरूक्षेत्र में मेरा गुरुकुल है जहां 300 गाय हैं। जिनके मूत्र से खाद तैयार किया जाता है। हिमाचल के राजभवन में उनके पास सिंधी गाय थी। गाय के आराम के लिए उन्होंने गद्दी की भी व्यवस्था की थी। ठंड में उनके लिए गर्म कपड़े भी होते है। हिमाचल राजभवन ने उनके कार्यकाल में दूध, दही, माखन और लस्सी कभी बाजार से नहीं खरीदा। राजभवन में गाय की देखभाल के लिए एक विशेष व्यक्ति की नियुक्ति भी की गई थी।
जब हिमाचल के गवर्नर थे