दरिंदगी की हदें पार

किशोरियों ने अपने बयान में कहा था कि रात में एक अंटी (बालिका गृह में कार्यरत) कीड़ा की दवा बताकर टैबलेट खिलाती थी। दवा खाते ही नींद आ जाती थी। सुबह उठने पर पेट, बदन और अन्य अंगों में दर्द होता था। इसकी शिकायत करने पर डांट-फटकार और पिटाई की जाती थी। किशोरियों ने यौन उत्पीड़न और मारपीट करने वालों की पहचान हेड सर, सर, पेट वाले सर, लंबे सर, मूंछ वाला पुलिस, आंटी, दीदी जैसे शब्दों से किया था। बालिका गृह में किशोरियों को मिर्गी के मरीजों को लगने वाली सुई देकर बेहोश कर दुष्कर्म किया जाता था। किशोरियों के इलाज के नाम पर बालिका गृह के ऊपर एक कमरा बना था। इसी कमरे में घिनौनी हरकत की जाती थी