चीन, भारत के सबसे बड़े ऑटोमोटिव कम्पोनेंट सप्लायर में से एक

फिच का कहना है कि चीन, भारत के सबसे बड़े ऑटोमोटिव कम्पोनेंट सप्लायर में से एक है। ऐसे में चीन में तैयार कल-पुर्जों की कमी होने से भारतीय वाहन उद्योग को उत्पादन की गति को कम करने या बंद करने को बाध्य होना पड़ सकता है। इन कारणों से एजेंसी को 2020 में घरेलू वाहन विनिर्माण में 8.3 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। 2019 में भी इसमें 13.2 प्रतिशत की गिरावट रही थी। 
एजेंसी का कहना है कि घरेलू बाजार में नई गाड़ियों की डिमांड कम बनी रहेगी, इस कारण 2020 में भी उत्पादन कम रहेगा। फिच ने कहा कि चीन, भारत के ऑटो कंपोनेंट की जरूरत का 10 से 30 प्रतिशत की पूर्ति करता है। यदि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग की बातें करें तो यह दो से तीन गुना अधिक हो जाता है। इससे पता चलता है कि भारतीय वाहन उद्योग किस तरह से चीन के कंपोनेंट पर निर्भर है।