भारतीय एजेंसियों का दावा- कर्ज लेते वक्त माल्या की नीयत साफ नहीं थी

मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के खिलाफ माल्या को अपील की इजाजत देते वक्त लंदन हाईकोर्ट का कहना था कि सीनियर डिस्ट्रिक्ट जज एम्मा अर्बथनॉट का यह निष्कर्ष गलत था कि भारत सरकार माल्या के खिलाफ प्रथम दृष्टया केस साबित कर चुकी है। हालांकि, निचली अदालत के फैसले के अन्य तथ्यों पर हाईकोर्ट ने कोई सवाल नहीं उठाया। माल्या की वकील क्लेर मोंटगोमरी की दलील थी कि मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भारत की एजेंसियों के गलत दावों को स्वीकार किया। एजेंसियों ने कहा था कि माल्या ने धोधाधड़ी की, किंगफिशर एयरलाइन के लिए कर्ज लेते वक्त उसकी नीयत साफ नहीं थी। उसने बैंकों को गुमराह किया, वह कर्ज चुकाना नहीं चाहता था।