अमेरिका में ग्रीन कार्ड लेना मुश्किल हो जाएगा

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्रस्तावित नए फेडरल नियम के तहत सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने वाले आप्रवासियों (इमीग्रांट्स) को अमेरिका में कानूनी दर्जा नहीं मिलेगा। यह अमेरिकी इमीग्रेशन कानूनों में एक बड़ा नया परिवर्तन होगा। यह एक पुराने मुहावरे-पब्लिक चार्ज को नए सिरे से गढ़ने के समान होगा। अमेरिका कानून में पहले से प्रावधान है कि आप्रवासियों को आत्मनिर्भर होना चाहिए। जीवनयापन के लिए सरकारी सहायता पर निर्भर व्यक्ति के लिए पब्लिक चार्ज का प्रयोग किया जाता है। एक शताब्दी से अधिक समय से अमेरिकी इमीग्रेशन कानून में इसका उपयोग हो रहा है।

1990 के बाद से अमेरिकी सरकार ने पब्लिक चार्ज को नए सिरे से परिभाषित किया है। इसके तहत ऐसे लोग आते हैं जो जीविका के लिए सरकार की नकद सहायता या किसी संस्था की सहायता पर निर्भर हैं। ट्रम्प प्रशासन का नियम इस स्थिति में बदलाव करेगा। इसमें चिकित्सा सुविधा,सरकारी हाउसिंग या भोजन के कूपन लेने वाली नकद विहीन सुविधाओं को शामिल किया जाएगा। इसलिए ग्रीन कार्ड लेने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का उपयोग करने वाले इमीग्रांट्स के लिए कठिनाइयां खड़ी हो जाएंगी।भविष्य में
अमेरिका आने वालों को भी मुश्किल होगी।

पिछले कुछ माह के दौरान प्रस्ताव लीक होने के बाद लोगों ने आप्रवासी समुदाय पर पड़ने वाले खराब असर को लेकर चिंता जताई है। अमेरिका में जन्मे और नागरिकता प्राप्त बच्चों के लिए भी सुविधाएं लेना छोड़ दिया है। अमेरिकी पीडियाट्रिक्स अकादमी की प्रवक्ता और बाल रोग विशेषज्ञ लेनरे फलुसी कहती हैं, वे आप्रवासियों के कई परिवारों को जानती हैं जिन्होंने भविष्य में अपना इमीग्रेशन दर्जा खोने के भय से बच्चों के पोषण से जुड़ी सुविधाओं का लाभ उठाना छोड़ दिया है।



माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं की दलील है कि प्रस्तावित नियम 1924 के नेशनल ओरिजिन्स एक्ट का आधुनिक संस्करण हो सकता है। अश्वेत लोगों की संख्या घटाने के मकसद से कुछ देशों से इमीग्रेशन रोकने के लिए कानून लाया गया था। नियम के समर्थकों का कहना है,इसका उद्देश्य अमेरिकी करदाताओं पर टैक्स का बोझ घटाना है। आंतरिक सुरक्षा विभाग के सचिव किर्स्टजेन नीलसन कहते हैं,नियम से इमीग्रांट्स आत्मनिर्भर होंगे। वे अमेरिकी करदाताओं पर बोझ नहीं बनेंगे।