बालिका गृह में 6 वर्ष से 18 वर्ष के नीचे तक की किशोरियों को रखा जाता था। यहां बाहर से भी शोषण के लिए लोग पहुंचते थे। हर मंगलवार को विकास और उसके साथ बालिका गृह में समिति की ओर से शिविर में पहुंचने वाले सदस्य किशोरियों का यौन शोषण करते थे। मंगलवार की सुबह से ही किशोरियां सहमी रहती थीं। इन्हें दिनभर दर्द से गुजरना पड़ता था।
6-18 साल की बच्चियां थी बालिका गृह में