राज्य सरकार प्रदेश में अति वृष्टि एवं बाढ़ से हुए अत्यधिक नुकसान की भरपाई के लिये लगातार केन्द्र सरकार से सहायता प्रदान करने का आग्रह कर रही है, लेकिन अभी तक कोई सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई है। दूसरी ओर केन्द्र सरकार ने कर्नाटक और बिहार राज्य को इसी प्रयोजन के लिये सहायता राशि प्रदान की है। यह स्थिति तब है जब केन्द्रीय अध्ययन दल द्वारा मध्यप्रदेश के प्रभावित जिलों में हुए नुकसान का दो बार आंकलन किया जा चुका है और केन्द्र सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत की जा चुकी है।
मध्यप्रदेश सरकार ने अति वृष्टि और बाढ़ प्रभावितों के प्रति मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए केन्द्र सरकार की सहायता का इंतजार किये बिना अपने सीमित संसाधनों से त्वरित कार्यवाही की और अभी तक प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद कर रही है। राज्य सरकार ने अब तक प्रभावित परिवारों को लगभग 200 करोड़ की सहायता राशि का वितरण किया है। इसमें फसलों की राहत राशि शामिल नहीं है। अति-वृष्टि से सबसे अधिक प्रभावित मंदसौर, आगर और नीमच जिलों में फसल क्षति के लिये भी राज्य सरकार ने राशि का वितरण प्रारंभ कर दिया है। इन जिलों में अभी तक फसल राहत मद में 270 करोड़ रुपये की सहायता वितरित की जा चुकी है। सरकार ने सभी जिलों में सर्वे का कार्य पूर्ण कर लिया है और राहत के प्रकरण तैयार किये जा रहे हैं। राज्य सरकार अपने स्तर पर प्रभावित लोगों की मदद करने में कोई कसर बाकी नहीं रखने के लिये प्रतिबद्ध है।